BANKA NEWS: मेरे पागलों.. लोगों को लगता है कि हम तोड़ने आए हैं,सच ये है कि हम हिंदुओं को जोड़ने आए हैं- पंडित धीरेंद्र शास्त्री
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रिपोर्ट: अजय आर्यन
बांका: जिले के धोरैया गौरा गांव में सहस्त्र चंडी महायज्ञ में रविवार को बाबा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री पहुंचे. कार्यक्रम में कई प्रमुख धर्मगुरु शामिल हुए. गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज, द्वारिका पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती और निरंजन पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद मौजूद रहे. धीरेंद्र शास्त्री ने जय श्री राम का जयघोष करवाया. भक्तों के प्रति विनम्र दिखे. हाथ जोड़कर आशीर्वाद दिया. धीरेंद्र शास्त्री ने करीब 2 घंटे तक प्रवचन दिया.
हिंदू एकता का संदेश दिया. कहा कि हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए जात-पात की भावना छोड़नी होगी. मंदिरों को लेकर नया सुझाव दिया. बोले- मंदिरों के बाहर ‘चप्पल-जूता बाहर रखें’ की जगह ‘जात-पात छोड़कर अंदर आएं’ लिखा होना चाहिए. उन्होंने कहा कि लोगों को लगता है कि हम तोड़ने आए हैं. सच यह है कि हम हिंदुओं को जोड़ने आए हैं. लोगों को लगता है कि हम नफरत फैलाते हैं. नफरत नहीं, हम प्रेम के आदि हैं. गर्व से कहते हैं कि हम हिंदुत्ववादी हैं. लोगों को लगता है कि हम विवाद करते हैं. नहीं… हम तो संवाद करते हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को लगता है कि हम हिंदू-मुसलमान करते हैं.
बांका जिले में मुसलमान परिवार भी बहुत हैं. देश सबका है. सबको रहना चाहिए. हम राम-रहीम दोनों को मानते हैं. अब्दुल कलाम को भी मानते हैं, लेकिन गजवा-ए-हिंद को नहीं मानते. तुम गजवा-ए-हिंद कहोगे, हम भगवा-ए-हिंद कहेंगे. तुम देश को तोड़ने की बात करोगे, हम हिंदुओं को जोड़ने की बात करेंगे. उन्होंने कहा कि बिहार आने से पहले और आने के बाद कई लोगों ने कहा कि बाबा को जेल में डाल दो. बाबा को बिहार नहीं आना चाहिए. हमने परसों रात ही कहा- ‘ठठरी के परे’. तुम रोहिंग्या को रोक नहीं पाए. घुसपैठियों को रोक नहीं पाए. हम तो भारत के ही हैं. भारत हमारा है. बिहार संतों की भूमि है. महंतों की भूमि है. चाणक्य की भूमि है. प्रथम राष्ट्रपति की भूमि है. ज्ञान की भूमि है. जानकी माता की भूमि है. अब बांका जिले में कुछ भी ‘बांका’ नहीं रहने वाला. उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति ने दिल्ली से फोन कर पूछा- महाराज, जब भारत में 80% हिंदू हैं, तो यह हिंदू राष्ट्र क्यों नहीं है? मैंने कहा- ‘ठठरी के परे’. इस देश में हिंदू कम रहते हैं. यहां या तो ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य या सेवक रहते हैं. जिस दिन यह राष्ट्र जात-पात और छुआछूत से ऊपर उठ जाएगा, उसी दिन हिंदू राष्ट्र कहलाएगा.